Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Feb 2023 · 2 min read

विचार

एक दिन फेसबुक पर एक चुटकुला किसी ने डाल रखा था कि शर्मा जी लाकडाउन से बोर हो गए तो फेसबुक पर fake I’d बनाकर अपनी पत्नी से ही बात करना शुरू किए और अपनी पत्नी से ये सुनकर वो सदमे में चले गए कि उनके पति को गुजरे तीन साल हो गए।जब मैंने ये अपनी मम्मी को सुनाया तो वो बोलीं ये चुटकुला है?उनके इस प्रश्न को सुनकर मैं भी इस बात पर सोचने पर मजबूर हो गई कि क्या वाकई ये मात्र एक चुटकुला है या हमारे आज का यथार्थ? हम सभी फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप इत्यादि जैसे सोशल साइट्स के माध्यम से बहुत सारे लोगों से जुड़े हैं ,लगभग रोज उनसे बात भी हो ही जाती है लेकिन जो हमारे आसपास ,हमारे सामने मौजूद हैं ,हम उनसे कितना जुड़े हैं?उनके सुख दुःख से हमे कितना फर्क पड़ता है?जिन्हें शायद हम जानते भी नहीं और जो हमसे बहुत दूर हैं उनका हालचाल हम पूछ लेते हैं लेकिन जो हमारे साथ हैं , हम उनके सुख दुख के बारे में कभी जानने की कोशिश भी नहीं करते।
एक जमाना था जब 10 रुपये के रिचार्ज में 7 रुपये मिलते थे लेकिन तब हम सब लोगों के पास अपने रिश्तों को देने के लिए समय था। आज अनलिमिटेड पैक तो सबके फोन में है लेकिन रिश्तों को देने के लिए समय नहीं है। किसी के जन्मदिन पर भी हम उस व्यक्ति से बात करने की जगह उसकी चार फोटो डाल के स्टेटस लगाना ज्यादा उचित समझते हैं। हम और आप जब अपने काम से फुरसत पाते हैं तो हमें अपनों से बात करने की बजाय इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर रील्स देखना ज्यादा रूचिकर प्रतीत होता है। हमारे फेसबुक और इंस्टाग्राम पर तो अनगिनत दोस्त मित्र हैं लेकिन जरा समय निकाल कर इस बात पर विचार करिएगा कि वास्तव में आपकी जिंदगी में कितने दोस्त हैं और आप कितनों के दोस्त हैं?

Language: Hindi
Tag: लेख
14 Likes · 5 Comments · 320 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
ये मानसिकता हा गलत आये के मोर ददा बबा मन‌ साग भाजी बेचत रहिन
ये मानसिकता हा गलत आये के मोर ददा बबा मन‌ साग भाजी बेचत रहिन
PK Pappu Patel
“ सर्पराज ” सूबेदार छुछुंदर से नाराज “( व्यंगयात्मक अभिव्यक्ति )
“ सर्पराज ” सूबेदार छुछुंदर से नाराज “( व्यंगयात्मक अभिव्यक्ति )
DrLakshman Jha Parimal
धर्म के नाम पे लोग यहां
धर्म के नाम पे लोग यहां
Mahesh Tiwari 'Ayan'
गुजर गई कैसे यह जिंदगी, हुआ नहीं कुछ अहसास हमको
गुजर गई कैसे यह जिंदगी, हुआ नहीं कुछ अहसास हमको
gurudeenverma198
रंग ही रंगमंच के किरदार होते हैं।
रंग ही रंगमंच के किरदार होते हैं।
Neeraj Agarwal
लाख बुरा सही मगर कुछ तो अच्छा हैं ।
लाख बुरा सही मगर कुछ तो अच्छा हैं ।
Ashwini sharma
ख्वाबों में भी तेरा ख्याल मुझे सताता है
ख्वाबों में भी तेरा ख्याल मुझे सताता है
Bhupendra Rawat
ऐ दिल न चल इश्क की राह पर,
ऐ दिल न चल इश्क की राह पर,
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
हुनर का मोल
हुनर का मोल
Dr. Kishan tandon kranti
वर्तमान साहित्यिक कालखंड को क्या नाम दूँ.
वर्तमान साहित्यिक कालखंड को क्या नाम दूँ.
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
"मिलते है एक अजनबी बनकर"
Lohit Tamta
बुरा समय
बुरा समय
Dr fauzia Naseem shad
ग़ज़ल _ मुसाफ़िर ज़िंदगी उसकी , सफ़र में हर घड़ी होगी ,
ग़ज़ल _ मुसाफ़िर ज़िंदगी उसकी , सफ़र में हर घड़ी होगी ,
Neelofar Khan
//••• हिंदी •••//
//••• हिंदी •••//
Chunnu Lal Gupta
"जीवन का सच्चा सुख"
Ajit Kumar "Karn"
सिर्फ़ वादे ही निभाने में गुज़र जाती है
सिर्फ़ वादे ही निभाने में गुज़र जाती है
अंसार एटवी
जब तक हम जीवित रहते हैं तो हम सबसे डरते हैं
जब तक हम जीवित रहते हैं तो हम सबसे डरते हैं
Sonam Puneet Dubey
फूल का शाख़ पे आना भी बुरा लगता है
फूल का शाख़ पे आना भी बुरा लगता है
Rituraj shivem verma
Tuning fork's vibration is a perfect monotone right?
Tuning fork's vibration is a perfect monotone right?
Chaahat
🙅बस एक सवाल🙅
🙅बस एक सवाल🙅
*प्रणय*
पद्मावती पिक्चर के बहाने
पद्मावती पिक्चर के बहाने
Manju Singh
जीत मुश्किल नहीं
जीत मुश्किल नहीं
Surinder blackpen
सजि गेल अयोध्या धाम
सजि गेल अयोध्या धाम
मनोज कर्ण
कांग्रेस के नेताओं ने ही किया ‘तिलक’ का विरोध
कांग्रेस के नेताओं ने ही किया ‘तिलक’ का विरोध
कवि रमेशराज
मेरी नज्म, मेरी ग़ज़ल, यह शायरी
मेरी नज्म, मेरी ग़ज़ल, यह शायरी
VINOD CHAUHAN
विषय - स्वाधीनता
विषय - स्वाधीनता
DR ARUN KUMAR SHASTRI
4441.*पूर्णिका*
4441.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
नारी सम्मान
नारी सम्मान
Sanjay ' शून्य'
ज़माने में
ज़माने में
surenderpal vaidya
Inspiring Poem
Inspiring Poem
Saraswati Bajpai
Loading...