विचार
खुद को सद्विचारों से पोषित करना , खुद के साथ न्याय करना है | ये सद्विचार आपके जीवन में संस्कार के रूप में आजीवन विद्यमान रहते हैं | आपकी छवि दूसरों के लिए प्रेरणा का स्रोत हो जाती है | आपके सद्विचार आपकी धरोहर बन आजीवन आपका साथ देते हैं और आप सत्मार्ग पर अग्रसर होते रहते हैं |