विचार
गिरना और उठना, जीवन के अभिन्न अंग हैं ठीक उसी तरह जैसे सुख – दुःख | इन स्थितियों में स्वयं को नियंत्रित रखना ही सच्ची जीत है | कठिन परिस्थिति में भागना नहीं और जीत में ज्यादा इतराना नहीं | ये सफल जीवन के दो मूल मंत्र हैं |
गिरना और उठना, जीवन के अभिन्न अंग हैं ठीक उसी तरह जैसे सुख – दुःख | इन स्थितियों में स्वयं को नियंत्रित रखना ही सच्ची जीत है | कठिन परिस्थिति में भागना नहीं और जीत में ज्यादा इतराना नहीं | ये सफल जीवन के दो मूल मंत्र हैं |