धार्मिक विचार धारा
हम रक्त दान करने में जुड़े हैं।
वह रक्त स्राव करने में जुड़े हैं।।
हम नारियल तोड़ने में लगे हुए हैं।
वह बम फोड़ने में लगे हुए हैं।।
हम राष्ट्रवादी राष्ट्र के बारे में सोच रहे हैं।
वह जिहादी इस्लाम के बारे में सोच रहे हैं।।
हम कोरोना काल में सर्व धर्म सेवा करने में लगे हुए हैं।
वह कोरोना काल में धर्मांतरण करने में लगे हुए हैं।।
हम राम राज्य स्थापित कर अयोध्या बनाना चाह रहे हैं।
वह जिहादी, कटरता लाकर सिरिया बनाना चाह रहे हैं।।
हम कोरोना से लड़ने के लिए पीएम केयरस में दान कर रहे हैं।
वह वैक्सीन के नाम पर सूई चुभा कर वैक्सीन जियान कर रहे हैं।।
हम देश की अर्थ व्यवस्था सुधारने के लिए टैक्स दे रहे हैं।
वह देश की इंसान रुपी मशीन से केवल बच्चा दे रहे हैं।।
हम हर पूजा पाठ में विश्व का कल्याण हो का नारा लगाते हैं।
वह दिन रात इस्लामिक राष्ट्र बनाने के लिए अल्लाह अकबर के नारा लगाते हैं।।
यह कैसी सोच एवं धार्मिक शिक्षा है।
एक ओर मानवता तो दूसरी ओर कटरता का दीक्षा है।।
कवि – जय लगन कुमार हैप्पी ⛳