विकास
सब का साथ,सब का विकास तब संभव है,
जब हो हर भारतीय के हाथों मेँ हाथ ।
मजहब की दिवारें तोडकर करें एक दुजे को आत्मसात।
सब का साथ,सब का विकास तब संभव है,
जब हो हर भारतीय के हाथों मेँ हाथ ।
मजहब की दिवारें तोडकर करें एक दुजे को आत्मसात।