किसी का खौफ नहीं, मन में..
जिंदगी से कुछ यू निराश हो जाते हैं
ग़ज़ल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
ग़ज़ल _ सर को झुका के देख ।
बढ़े चलो तुम हिम्मत करके, मत देना तुम पथ को छोड़ l
Shyamsingh Lodhi Rajput "Tejpuriya"
इक अदा मुझको दिखाया तो करो।
एक सच्ची बात जो हर कोई जनता है लेकिन........
परदेसी की याद में, प्रीति निहारे द्वार ।
दिल बयानी में हर शख्स अकेला नज़र आता है,
अफवाह एक ऐसा धुआं है को बिना किसी आग के उठता है।
"फुरसतें सबके लिये जुटाई हमनें मग़र.,
कुछ बिखरे ख्यालों का मजमा
Dr. Harvinder Singh Bakshi