Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Feb 2022 · 1 min read

विकास के कारक

व्यक्ति के शारीरिक एवं बौद्धिक विकास का मुख्य कारक वंशानुगत एवं वातावरण है।

Language: Hindi
1 Like · 333 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
■ क्यों करते हैं टाइम खोटा, आपस में मौसेर्रे भाई??
■ क्यों करते हैं टाइम खोटा, आपस में मौसेर्रे भाई??
*प्रणय प्रभात*
काश कभी ऐसा हो पाता
काश कभी ऐसा हो पाता
Rajeev Dutta
तुझे नेकियों के मुँह से
तुझे नेकियों के मुँह से
Shweta Soni
मैंने, निज मत का दान किया;
मैंने, निज मत का दान किया;
पंकज कुमार कर्ण
बसुधा ने तिरंगा फहराया ।
बसुधा ने तिरंगा फहराया ।
Kuldeep mishra (KD)
सदविचार
सदविचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
निगाहों में छुपा लेंगे तू चेहरा तो दिखा जाना ।
निगाहों में छुपा लेंगे तू चेहरा तो दिखा जाना ।
Phool gufran
षड्यंत्रों की कमी नहीं है
षड्यंत्रों की कमी नहीं है
Suryakant Dwivedi
*राजा राम सिंह का वंदन, जिनका राज्य कठेर था (गीत)*
*राजा राम सिंह का वंदन, जिनका राज्य कठेर था (गीत)*
Ravi Prakash
संविधान का पालन
संविधान का पालन
विजय कुमार अग्रवाल
चिंगारी बन लड़ा नहीं जो
चिंगारी बन लड़ा नहीं जो
AJAY AMITABH SUMAN
*┄┅════❁ 卐ॐ卐 ❁════┅┄​*
*┄┅════❁ 卐ॐ卐 ❁════┅┄​*
Satyaveer vaishnav
Bad in good
Bad in good
Bidyadhar Mantry
माथे की बिंदिया
माथे की बिंदिया
Pankaj Bindas
2385.पूर्णिका
2385.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
बाल कविता: बंदर मामा चले सिनेमा
बाल कविता: बंदर मामा चले सिनेमा
Rajesh Kumar Arjun
देख तुझको यूँ निगाहों का चुराना मेरा - मीनाक्षी मासूम
देख तुझको यूँ निगाहों का चुराना मेरा - मीनाक्षी मासूम
Meenakshi Masoom
!..............!
!..............!
शेखर सिंह
विश्वास
विश्वास
Bodhisatva kastooriya
दरमियाँ
दरमियाँ
Dr. Rajeev Jain
अनुभूति
अनुभूति
Dr. Kishan tandon kranti
सत्याग्रह और उग्रता
सत्याग्रह और उग्रता
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
सपने देखने से क्या होगा
सपने देखने से क्या होगा
नूरफातिमा खातून नूरी
काट  रहे  सब  पेड़   नहीं  यह, सोच  रहे  परिणाम भयावह।
काट रहे सब पेड़ नहीं यह, सोच रहे परिणाम भयावह।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
स्वाभिमानी किसान
स्वाभिमानी किसान
Dr. Pradeep Kumar Sharma
है अभी भी वक़्त प्यारे, मैं भी सोचूंँ तू भी सोच
है अभी भी वक़्त प्यारे, मैं भी सोचूंँ तू भी सोच
Sarfaraz Ahmed Aasee
मौका जिस को भी मिले वही दिखाए रंग ।
मौका जिस को भी मिले वही दिखाए रंग ।
Mahendra Narayan
हसरतों की भी एक उम्र होनी चाहिए।
हसरतों की भी एक उम्र होनी चाहिए।
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
सच्चाई है कि ऐसे भी मंज़र मिले मुझे
सच्चाई है कि ऐसे भी मंज़र मिले मुझे
अंसार एटवी
विद्यार्थी को तनाव थका देता है पढ़ाई नही थकाती
विद्यार्थी को तनाव थका देता है पढ़ाई नही थकाती
पूर्वार्थ
Loading...