*वाह! वाह!(एक हास्य शेर)*
वाह! वाह!(एक हास्य शेर)
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मेरे मालिक ! किसी शायर को
हर्गिज दाद मत देना
पढ़ेगा शेर कम,ज्यादा वो महफिल में खुजाएगा
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रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा ,रामपुर उत्तर प्रदेश
वाह! वाह!(एक हास्य शेर)
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मेरे मालिक ! किसी शायर को
हर्गिज दाद मत देना
पढ़ेगा शेर कम,ज्यादा वो महफिल में खुजाएगा
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रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा ,रामपुर उत्तर प्रदेश