*** वार्धक्य का प्रेम ***
वार्धक्य में ज्यादातर लोग दुखी होते हैं क्यों ?************************************7*7
उम्र ना देखो दोस्तों मेरी
मेरा ज़िगर तो देखो
ग़म झेलता है किस क़दर
इसका फिगर ना देखो
क्या उम्र रोकती है
प्यार करने से तुम्हें
सरासर झूठ बोलते तुम
फिर टुकर टुकर क्यों देखते हो
नजर बचाकर क्यों
वासना को तुम
इस क़दर पेलते हो
दुःख झेलते हो
चुपचाप अकेले
अपनी जिंदगी को
यूं ठेलते हो
यारों ये दिल
कभी बुढ्ढा नहीं होता है
ये कहावत यूँ ही नहीं बनी है
कौन कहता है कि
बुढ्ढे इश्क नहीं करते
बस थोड़ा डरते हैं
मन ही मन किसी पे यूं ही
नहीं मरते
उम्र के साथ रूपबदल जाता है
तो प्रेम का स्वरूप बदल जाता है
वार्धक्य से लोग डरते हैं क्योंकि
वह निश्छलप्रेम नहीं करते हैं
प्रेम अशरीरी करो तुम
फिर देखो मज़ा कि
कितने तुम्हें दिल से
प्यार करते हैं ।। ?मधुप बैरागी