वायु प्रदूषण
वायु प्रदूषण
दोस्तो, अपना हाल अब ऐसा हो रहा,
अपने ही किए पर इंसान सिर धुन रहा।
जो सुन्दर पृथ्वी पूर्वजों ने बसाई,
वो मानव ने स्वार्थ की भैंट चढ़ाई।
हरियाली तो मानो जैसे हवा हो गई ,
किताबों व पोस्टरों की शोभा बन गई ।
प्रदूषण का प्रभाव वातावरण को खा रहा,
दूषित वायु ,साँस लेना भी दूभर हो रहा ।
ताजी हवा अब पहाड़ों में रह रही,
शहरों में तो मानों जिंदगी घुट रही ।
अभियान चाहें हम कितने भी चलाएँ,
सोचो ,प्रदूषण के दानव को कैसे भगाएँ!
मन को अपने इतना समझाओ ,
धरती माँ को हरा भरा बनाओ।
पेड़ पौधों को लगा, करो हरियाली,
मिले सुकून व ठंडी हवा भी पा ली ।
हरित क्रांति है खुशी का समावेश,
हरा भरा रहेगा सदा अपना देश।
जागरूकता पर्यावरण के प्रति जगाओ,
देश को खुशहाली की राह ले जाओ।
जितना हरा भरा होगा पर्यावरण,
इतना खुशहाल होगा मानव जीवन।
शुद्ध हवा जीवन की साँसे बढ़ाएगी,
खुशहाल जीवन बीमारियाँ घटाएगी।
एक ही प्रयास, बस पेड़ लगाओ,
वायु प्रदूषण को दूर भगाओ।
नीरजा शर्मा