वायरस बैरी आया
कुण्डलिया
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बदला है देश मेरा , बदले अब इंसान ।
वायरस बैरी आया, कांप रहे है प्रान ।।
कांप रहे है प्रान ,संकट कठिन है भारी।
रहें नहीं अंजान , रक्षा की हो तैयारी ।।
कह जाफर कविराय, आया तीसरा हमला।
बुद्धिहीन नहीं बनें ,आगत रूप है बदला।।
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शेख जाफर खान