वादा
चलो करते है एक वादा,तुम्हे लुभाने के लिए!
पर शर्त यह -मत कहना उसे निभाने के लिए!!
न जाने किस किस से क्या क्या वादे मैने किए?
सामने देखकर वादा कर दिया,ने के लिए!!
वो कितने तंगदिल जो हर बात को दिल लगाते,
मैने तो किए वादे फकत,हँसने हँसाने के लिए!!
आप भी कितने कमज़र्फ है खुदगर्ज दुनिया मे,
ढूढँते फिर रहे है वादा परस्त, निभाने के लिए!!
फकत इक मजाक को,आपने तो दिल दे दिया,
मैने कब कहा आपसे ताजिन्दगी निभाने के लिए?
बोधिसत्व कस्तूरिया एडवोकेट कवि पत्रकार सिकंदरा आगरा -282007 मो;9412443093