वादा निभाना
गीतिका
~~
कभी जो भी करें वादा निभाना।
निराशा में न रहना मुस्कुराना।
समय है सामने जब खूबसूरत।
नहीं अब व्यर्थ में इसको गँवाना।
दिखाएं सत्य लाएं रौशनी में।
पड़ा हर आवरण हमको हटाना।
अधर पर क्यों ठिठकते शब्द है प्रिय।
नहीं क्यों चाहते सबको सुनाना।
बिना झिझके बता देना सभी को।
कभी जब याद आए पल पुराना।
भुलाकर तल्ख बातें आज फिर से।
सभी प्रिय भावनाओं को जगाना।
मुहब्बत का बढ़ेगा सिलसिला जब।
कदम हर क्षण सभी को है बढ़ाना।
~~~~
-सुरेन्द्रपाल वैद्य