वादा झूटा हो जाए…
भुलाना तो बहुत चाहा
पुरानी यादों को,
उसके वादों को,
हम समझ ही न सके,
उसके इरादों को।
शामिल किया था उसने,
हमेशा मुझे वफाओं में
एक जुदा असर था,
उसकी दुआओं में।
अचानक वक़्त ने,
करवट बदली है,
उसने भी बदला वादा,
नहीं है पहले सा इरादा,
वह हो चुका है,
तर्के तअल्लुक पर आमादा।
अब बस, यही दुआ है…
तर्के तअल्लुक का वादा,
झूटा हो जाए,
मासूम अदाओं की तरह,
उसकी वफाओं की तरह।