वादा करके भी तुम मुकर जाते हो –आर के रस्तोगी
वादा करके भी तुम मुकर जाते हो |
सच सच बताओ,तुम किधर जाते हो ||
करती हूँ तुम्हारा इन्तजार,बैचेन रहती हूँ |
साथ मुझको भी ले जाओ,जिधर जाते हो ||
उमर नहीं है तुम्हारी,इधर उधर घूमने की |
मेरा भी ख्याल रखो,क्यों नहीं सुधर जाते हो ||
बदनामी हो रही,लोगो की उँगलियाँ उठ रही |
जहाँ जाना नहीं चाहिए ,तुम उधर जाते हो ||
जाने को कहीं जाओ,तुमको कोई मनाही नहीं |
उधर मत जाओ,जहाँ लोग बिगड़ जाते हो ||
रस्तोगी की इल्तजा है,बुढापे में तो सुधर जाओ |
ऊपर जाने को बैठे हो,क्यों नहीं सुधर जाते हो ||
आर के रस्तोगी
गुरुग्राम मो 9971006425