वादा आज तुम तोड़ देना
वादा आज तुम तोड़ देना।
बेवफाओं में नाम जोड़ देना।
लिखी थी इबारत प्रेम की,
अब उन पन्नों को मोड़ देना।
याद आये अगर तुम्हें मेरी,
तो निशानियों को फोड़ देना।
वापस आएगा बीता कल
अब ये ख्याल छोड़ देना
– पारसमणि अग्रवाल
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