वाचिक प्रमाणिका छंद
प्रमाणिका छंद
मापनी- 12 12 12 12
न हास है न नीर है ।
न क्षीण है न वीर है ।।
सुमार्ग से हटे नही ।
कुमार्ग पे डटे नही ।।
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दृढ़ प्रतिज्ञ सोच लो ।
व नेक राह खोज लो ।।
धरा सदा हरी रहे ।
प्रभू दया बनी रहे ।।
अभिनव मिश्रा
(शाहजहांपुर )