वागेश्वरी वंदना
माँ वीणावादिनी , माँ बुद्धिदायिनी
तव महिमा है अपरंपार
कर माते तू लोकाद्धार
तव ममता से जग आलोकित
ज्योतिर्मय जग जगमग शोभित
गाता नवगीत संसार………!
वागेश्वरी , माँ ज्ञानदायिनि ,
सबको देती बुद्धि, ज्ञान ,
तव दृग जग का कल्पना द्वार……!
दृष्टि से सृष्टि आलोकित
तेज से जगजीवन है शोभित
तव कृपावश ज्ञान प्रसार…..!
हे माँ भारती , हे माँ सुरवासिनी ,
गीत-संगीत, कला विज्ञान
सर्व मर्म माँ तेरे हाथ
बढता विज्ञान
नर छूता आसमान
मातृकृपा वश साहित्योद्धार…….!
शारदे , माँ सरस्वती
तव महिमा है अपरंपार ,
मनुज करता नित नूतन आविष्कार
तव कृपावश जग कल्याण……!