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12 Jul 2021 · 1 min read

वाकया होता

बात ब्रांडेड कमीज की थी ,नहीं तो खून से लथपत को उठा लेते
गाँव के लोग ये सोच रखते ,तो फिर क्या होता।
अगर मानवता रग – रग में समायी होती, तो फिर कहना ही क्या था
न वो आदमी मरता न ऐसा कोई वाकया होता।
-सिद्धार्थ गोरखपुरी

Language: Hindi
2 Likes · 2 Comments · 279 Views
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