वह मुझे चाहता बहुत तो था
वह मुझे चाहता बहुत तो था
ये मगर सिलसिला ग़लत तो था
झूठे चेहरे पे फ़रेबी आँखें
उसको पहचानना सरल तो था
मार डाला है मुझे जिंदा रख
ये मेरा जीते जी क़तल तो था
किस तरह आ गया नज़दीक मेरे
काम से काम हीं फक़त तो था
चोट खाई हुई मोहब्बत में
कुछ नहीं था मगर सबक़ तो था
ज़िंदगी थी नहीं भले खुशबास
ज़िंदगी जीना पर सहल तो था