वह दौर कितना पुराना था
वह दौर कितना पुराना था.
जब लगता सब सुहाना था.
वह पेड़ों पर बच्चों का चढ़ना.
वह गलियों में बच्चों का खेलना.
ना मोबाइल कि फिकर थी.
ना उसकी कोई लत थी.
तब आधुनिकता का जमाना कम था.
अपनो के लिए लोगों के पास समय हरदम था.
तब नाड़ी पकड़ के लोग रोग पता कर लेते थे.
तब दवाईयों पर लोगों जिते कम थे
तब प्रदुषण का प्रकोप कम था.
तब भष्ट्राचार का डर खत्म था.
तब महिलाएं सुरक्षित रहा करती थी.
वह दौर महिलाओं के लिए सुरक्षित हरदम था.
उस दौर में घरों में एक हि दुरर्दशन हुआ करता था..
जिसपे चलता संसकारो भरा चैनल था.
उस दौर में प्यार मोहब्बत सच्चे हुआ करते थे.
दोस्त सार अच्छे हुआ करते थे.
परिसप्रधा का जमाना कम था.
लोगों के जीवन में सुकन हरदम था
वह दौर कितना पुराना था.
जब लगता सब सुहाना था