वह दिन जरूर आयेगा
#दिनांक:-13/1/2024
#शीर्षक:-वह दिन जरूर आयेगा।
टूटा दिल कभी जुड़ नहीं सकता,
हर ख्वाहिश ख्वाब ही पूरा करता,
जब तक जिन्दगी है,
जी लो जी भरकर यारों,
वर्ना मरा हुआ शरीर कहाँ कोई रखता?
दिल लगाना तो किसी खास से लगाना,
संभव यदि बिछुड़ गये तो वापस ना मिलना ।
एक अपनी भी शख्सियत है जनाब शहर में ,
तड़पे, रोये, चिल्लाये पर, गले गम को ही लगाना ।
समय फिर दुबारा कभी आता नहीं ,
जब रहो साथ, साथ भाता नहीं ,
गुमनाम की मंजिल पर प्रसिद्धि मिलती गई ,
कभी पाषाण को तरल होना आता नहीं।
गुजरा वक्त गुजरे कई साल हो गए ,
ना जाने कैसे कैसे कईयों के हाल हो गए।
प्रेम नहीं अब वापिस कभी आ पायेगा,
जाते दिन महीने सब कुछ उलटफेर हो गए ।
एक दिन ,
वह दिन जरूर आयेगा ,
दिल रोयेगा अपनी करनी पर पछतायेगा।
मन्नत-मिन्नतें,मुहब्बत की जाएगी बार-बार ,
विश्वासघाती, विश्वासी बनने का ढोंग रचायेगा ।
(स्वरचित)
प्रतिभा पाण्डेय “प्रति”
चेन्नई