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28 Oct 2021 · 1 min read

वही है सबके चमन का माली

कहाँ निकालोगे दिल की बातें
जगह तो कोई नहीं है खाली
कहीं पे नेता जमे हुये हैं
कहीं पे बैठे हुये मवाली
बुझा दो अंगार अपने ही अंदर
सुकून शायद मिल जाए थोड़ा
निकालकर गर बुझाया तुमने
सभी बजायेंगे तुम पे ताली
न सोचो कोई मदद करेगा
ख़ुदा पे रक्खो भरोसा केवल
उसीकी क़ुदरत उसकी फ़ितरत
वही है सबके चमन का माली
़़़़़ अशोक मिश्र

Language: Hindi
1 Like · 2 Comments · 424 Views

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