*वही निर्धन कहाता है, मनुज जो स्वास्थ्य खोता है (मुक्तक)*
वही निर्धन कहाता है, मनुज जो स्वास्थ्य खोता है (मुक्तक)
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नहीं धन से कभी कोई, मनुज धनवान होता है
धनिक भी है अगर रोगी, सुबह से शाम रोता है
हमेशा स्वास्थ्य को भारी, रखो धन से तराजू पर
वही निर्धन कहाता है, मनुज जो स्वास्थ्य खोता है
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रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451