वही नज़र आएं देखे कोई किसी भी तरह से
“जो हैं वही नज़र आएं देखे कोई किसी भी तरह से”
आप की हर इक बात को सुना जाता है
हर अदा, काबिल-ए-गौर हुआ करती है
जब भी पेश आएं कहीं किसी मौके पर
सभी की नजरें, आप पर हुआ करती हैं
आपको नहीं हो पाता है इस बात का इल्म
कि लोग आप को, बतौर मिसाल देखते हैं
जाने अनजाने, ये आपके मुरीद, कई बार
आप ही की, दिखाई हुई राह पर चलते हैं
ऐसे में आपके लिए हो जाता है बड़ा लाज़मी
आप हमेशा अपनी ज़िंदगी को खुल के जिएं
आप का, हर लमहा हो, ज़िंदगी से लबालब
एक उम्दा मिसाल बनें, आप अपनों के लिए
आप ने भी सीखीं थीं, कभी बारीकियां जीवन की
कुछ अपनों से, और कुछ गैरों से, इस ही तरह से
अब आप की बारी है, इन सौगातों को, लौटाने की
जो हैं वही नज़र आएं देखे कोई किसी भी तरह से
~ नितिन जोधपुरी “छीण”