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25 Aug 2020 · 1 min read

वहम कर ख़तम

सांसों में जब तक दम
अच्छा कुछ करें हम
क्या ?पता निकलेंगे जब प्राण
कहां ? कैसे?ले जाएंगे यम
मानव बना लेता वहम
खुद से दूसरों को मानता कम
जब हो जाता परवश
टूट जाता सारा अहम
लाखों योनियों भटक भटक कर
पाया मानव जनम
वापस आना है गर इसमें
मत कर किसी पर जुलम
अच्छी सोच करते सभी हजम
बेमतलब वाणी कर ले ख़तम ।
“राजेश व्यास अनुनय”

Language: Hindi
4 Likes · 2 Comments · 293 Views
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