वसीयत
वसीयत
चलो आज अपनी वसीयत लिखती हूँ
मेरे बच्चों
मेरे जाने के बाद
मेरे कमरे को खोलना
मेरी अलमीरा के दरवाजे पर चाबी जो लटकी होगी
तो उसे लटकते रहने देना
देखना मैं मना नहीं करूंगी
मेरी पसंदीदा साड़ियों को
किसी भी ऐसे को देना
जो पहने इसे
मेरी डायरी को सिर्फ और
सिर्फअकेले में ही पढ़ना
आज तुम्हे कोई रोकेगा नहीं
टोकेगा नहीं
तुम्हारे छोटे छोटे खिलौने
अपने बच्चों को जरूर दिखाना
और बताना की ये तुम्हारे थे
और क्या लिखूं….