वर्षों जहां में रहकर
वर्षों जहां में रहकर
देखा है बार बार
हम हो सके ना खुद के
जी के हजार बार ।
एक दौर है जहां मेरी
ठोकर रखी हैं
मैं ठौर हूं वहीं पे जा
लगता हूं बार बार
वर्षों जहां में रहकर
देखा है बार बार
हम हो सके ना खुद के
जी के हजार बार ।
एक दौर है जहां मेरी
ठोकर रखी हैं
मैं ठौर हूं वहीं पे जा
लगता हूं बार बार