वर्षा ऋतु पर गीत
भोर हुई है गीली गीली
पवन चल रही सीली सीली
छटा बहुत ही है रंगीली
काले काले बादल छाये
रिमझिम रिमझिम जल बरसाये
भीगी भीगी माटी की भी
खुशबू बिल्कुल है सन्दीली
छटा बहुत ही है रंगीली
साफ हुआ जब आसमान है
गिरा हुआ कुछ तापमान है
इंद्रधनुष की ओढ़ चुनरिया
धरती लगती नई नवेली
छटा बहुत ही है रंगीली
फिर से नीले बादल आये
सूरज भी निकले इठलाये
किरण सुनहरी लेकर आई
धूप लगे कितनी चमकीली
छटा बहुत ही है रंगीली
20-08-2020
डॉ अर्चना गुप्ता
मुरादाबाद