वर्तमान समय में संस्कार और सभ्यता मर चुकी है
वर्तमान समय में संस्कार और सभ्यता मर चुकी है
एक नई सभ्यता उत्पन्न हो चुकी है
और वह सभ्यता है खुम्मारी और पैसा
इसी से लोग नयी सभ्यता को जन्म देते हैं
और नए आयाम प्राप्त करते हैं
तो हम जी रहे हैं
नई सभ्यता खुम्मारी और पैसा में
सद्कवि प्रेमदास वसु सुरेखा