वर्तमान लोकतंत्र
देश का वर्तमान लोकतंत्र ,
राजनीति की बिछाई शतरंज ,
लोकहित लुभावने वादों का प्रपंच ,
जाति , धर्म ,संप्रदाय ,आधारित षड्यंत्र ,
आम आदमी जिसका बना मोहरा ,
नेताओं की सद्भावना का छद्मवेषी चेहरा ,
दलगत जोड़-तोड़ , वोट बैंक का जनाधार ,
धन शक्ति, बाहुबल , सत्ता लोलुपता परिपूर्ण आचार व्यवहार ,
स्वार्थपरक, तुष्टीकरण प्रभावित प्रतिनिधियों का नामांकन ,
चुनावी रंगमंच पर नेताओं का अभिनय प्रतिभा का प्रदर्शन ,
आम आदमी के वोट क्रय शक्ति का समर्थक ,
जागरूक मतदाता का मत बना निरर्थक ,
वर्तमान लोकतंत्र की यह परिभाषा ,
कितनी सार्थक ? कितनी अनुरूप अपेक्षित जन अभिलाषा ?