वर्तमान में जीना सीखिये
हमेशा खुश रहिये
परमात्मा ने ये जीवन सदैव मुस्कुराने और प्रसन्न रहने के लिए दिया हे।परमात्मा हमारा पिता हे,सृजनकर्ता हे।और एक पिता कभी नहीं चाहेगा कि उसकी संतान उदास हो,इसलिए हमेशा खुश रहना सीखिये।
ये इतना मुश्किल नहीं हे बस वर्तमान में जीना सीख लीजिये।
दुनिया में अधिकांश लोग केवल भविष्य के सपने बुनने और उनको पूरा करने में ही लगे होते हे और इसी कारण वो वर्तमान को भूल जाते हे।वे लोग जिंदगी के मकड़जाल में उलझकर रह जाते हे।
और दूसरे कुछ लोग वो होते हे जो हमेशा अतीत में जीते हे,वे लोग हमेशा ये कहते हुए पाये जाते हे कि हमारे जमाने में तो ये होता था,वो होता हे।ऐसे लोग हमेशा वर्तमान से चिड़े हुए रहते हे और इनको भविष्य से कोई आशा नहीं रहती हे।इस कारण ये लोग हमेशा दुखी और मुँह लटकाये हुए पाये जाते हे।अगर हम हमेशा खुश रहना चाहते हे तो हमें वर्तमान में जीना सीखना होगा।
न अतीत का हो डर
न भविष्य की हो फ़िकर
अरे मनुष्य तू जिए जा
वर्तमान में होके निडर।