वर्तमान दौर में सच का रास्ता बहुत मुश्किल है
वर्तमान दौर में सच का रास्ता बहुत मुश्किल है
क्योंकि इस आसन पर बैठे हुए लोग सिंहासन के अधीन है
आज सिंहासन तभी मिलता है जब उनका उन्हें सपोर्ट होता है
क्या यही लोकतंत्र की धारणा है
क्या ऐसे ही लोकतंत्र मजबूत होगा
बिल्कुल नहीं
आने वाले समय में वह होगा
जो कभी नहीं हुआ
लेकिन अब होगा
अब होगा
अब होगा
क्योंकि शासन नहीं अत्याचार करते हैं।
सद्कवि प्रेमदास वसु सुरेखा