वर्तमान और भविष्य
कविता
वर्तमान क्या है ,
ध्यान मत दीजिए|
“भविष्य कैसा होगा”
इसे अमल कीजिए||
पूंजी का निवेश हो,
स्वच्छ परिवेश हो|
देश की तरक्की में
योगदान दीजिए||
नारी का उत्थान हो,
कर्म ही प्रधान हो|
आपदा अवसर ,
के प्रबंध कीजिए||
आज को सुधारिए,
कल संवर जायेगा|
पिता पुत्र में भेद,
स्वयं मिट जायेगा||
प्रजा ही राजा होगी,
राजा ही प्रजा होगा|
राजा ही सेवक सा,
देश को चलायेगा||
डा०कुमुद श्रीवास्तव वर्मा कुमुदिनी लखनऊ