वर्तमान अभिलाषा(हास्य व्यंग्य)
दोस्त चाहिए अय्यास
और बीबी चाहिए संस्कारी ,
बाप चाहिए मस्त मौला
और माँ चाहिए बटुए बाली ,
बेटा चाहिए आज्ञाकारी
और पुत्री चाहिए प्यारी,
घर भरा हो दौलत से
और बाहर हो ख़िदमतदारी,
गुंडे, आतंकी और मवाली चाहिए अपने चमचे
और पुलिस करे रखवाली
पीएम, सीएम, डीएम करे जी हजूरी
और बम तोपों से हो सोने-उठने की हर दिन तैयारी
सूरज गर्म करें अंगीठी
नहाने बरसाए बादल पानी
चाँद-तारों की छत पर झिलमिल हो,
और झरने पीने लाए पानी।
सागर हिलोरे देकर तैराये
और नदी धुलाई पाएं
अंतरिक्ष की सैर पर निकलू
और हवा की तरह करूँ सांय-सांय..
जीवन मे सुख ही सुख हो
ना कोई तनिक दुख हो
ईस्वर मुझको बनना नही है
हर जन्म बनना है संसारी
आप बहुत कृपालु हो प्रभु
प्रभु आप बड़े दयालु हो
समस्त ब्रह्माण्डो के स्वामी हो प्रभु
कर दो मेरा केवल यही एक छोटा सा काम..!!
ना मोक्ष चाहिए
ना अमृत चाहिए
बुढापा मेरा पल भर का हो
और जवानी में ना ब्रह्मचर्य चाहिए …
हर जीवन में यही जन्म लूँ
और करू मनुष्य जीवन का रसपान
यही वर देदो मुझको ईस्वर
अपने दोनों हाथों से कर दो मेरा कल्याण ….!!!