Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Jul 2024 · 1 min read

वर्ण पिरामिड

वर्ण पिरामिड

तू
वर्ण
पीत है
रंग दिव्य
मधुर सदा
अति भव्य नीक
मोहक प्रतीक है।

साहित्यकार डॉ0 रामबली मिश्र वाराणसी।

1 Like · 39 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

ग़ज़ल
ग़ज़ल
Dr. Alpana Suhasini
*शुभ गणतंत्र दिवस कहलाता (बाल कविता)*
*शुभ गणतंत्र दिवस कहलाता (बाल कविता)*
Ravi Prakash
जीवन
जीवन
डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद
शब्दों के कारवाँ
शब्दों के कारवाँ
Kshma Urmila
दुश्मनों  को  मैं हुकार  भरता हूँ।
दुश्मनों को मैं हुकार भरता हूँ।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
"एक ही जीवन में
पूर्वार्थ
छोड़ जाते नही पास आते अगर
छोड़ जाते नही पास आते अगर
कृष्णकांत गुर्जर
मैंने हर मुमकिन कोशिश, की उसे भुलाने की।
मैंने हर मुमकिन कोशिश, की उसे भुलाने की।
ओसमणी साहू 'ओश'
बुद्धि
बुद्धि
Vishnu Prasad 'panchotiya'
ज़िंदगी
ज़िंदगी
Raju Gajbhiye
डॉ. नामवर सिंह की आलोचना के अन्तर्विरोध
डॉ. नामवर सिंह की आलोचना के अन्तर्विरोध
कवि रमेशराज
मुक्तक
मुक्तक
नूरफातिमा खातून नूरी
सुंदरी सवैया
सुंदरी सवैया
Rambali Mishra
इस दुनिया में कोई भी मजबूर नहीं होता बस अपने आदतों से बाज़ आ
इस दुनिया में कोई भी मजबूर नहीं होता बस अपने आदतों से बाज़ आ
Rj Anand Prajapati
चांद सितारे चाहत हैं तुम्हारी......
चांद सितारे चाहत हैं तुम्हारी......
Neeraj Agarwal
सेनेटाइज़र~जिंदगी
सेनेटाइज़र~जिंदगी
bhandari lokesh
"यादों की कैद से आज़ाद"
Lohit Tamta
4043.💐 *पूर्णिका* 💐
4043.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
बचा ले मुझे🙏🙏
बचा ले मुझे🙏🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
मन की डोर
मन की डोर
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
रूड़ौ म्हारो गांव धुम्बड़ियौ🌹
रूड़ौ म्हारो गांव धुम्बड़ियौ🌹
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
हर-दिन ,हर-लम्हा,नयी मुस्कान चाहिए।
हर-दिन ,हर-लम्हा,नयी मुस्कान चाहिए।
डॉक्टर रागिनी
पिया पी के रहे पगलाइल
पिया पी के रहे पगलाइल
आकाश महेशपुरी
सत्य की खोज
सत्य की खोज
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
मजबूरी
मजबूरी
P S Dhami
बेटी
बेटी
Dr. Chandresh Kumar Chhatlani (डॉ. चंद्रेश कुमार छतलानी)
कभी इश्क ना करना
कभी इश्क ना करना
डॉ. एकान्त नेगी
वक्त नहीं
वक्त नहीं
Vandna Thakur
आधुनिक बारिश का इंतजार
आधुनिक बारिश का इंतजार
goutam shaw
सच कहना जूठ कहने से थोड़ा मुश्किल होता है, क्योंकि इसे कहने म
सच कहना जूठ कहने से थोड़ा मुश्किल होता है, क्योंकि इसे कहने म
ruby kumari
Loading...