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9 Jun 2024 · 1 min read

वर्ण पिरामिड

वर्ण पिरामिड

जो
प्रेम
नियन्ता
दुख हर्ता
बना कमल
चढ़ता रहता
वह मंज़िल पर।

साहित्यकार डॉ0 रामबली मिश्र वाराणसी।

1 Like · 30 Views
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