वर्ण पिरामिड
वर्ण पिरामिड
जो
प्रेम
नियन्ता
दुख हर्ता
बना कमल
चढ़ता रहता
वह मंज़िल पर।
साहित्यकार डॉ0 रामबली मिश्र वाराणसी।
वर्ण पिरामिड
जो
प्रेम
नियन्ता
दुख हर्ता
बना कमल
चढ़ता रहता
वह मंज़िल पर।
साहित्यकार डॉ0 रामबली मिश्र वाराणसी।