वरना
नफरत तुम्हारी काफी है
सजा मेरे इश्क की
वरना बुरा तो हमने गैरों का भी नही किया
बाद तेरे कुछ कहा बाकी है
सिवा बार ए इश्क के
वरना लादा तो हमसे जहन भी नही गया
खुदमुख्तारी तेरी
मेरे कत्ल की वजह रही
वरना कैद तो हमने सांसो को भी नही किया
बार ए इश्क : प्रेम का बोझ
जहन : दिमाग
खुदमुख्तारी: आजादी