वन संरक्षण
पेड़ों से ही जीवन है,
इसी से लेते हम साँस है,
पुनीत वायु में साँस लेना है,
तो वन संरक्षण करना होगा।
विधाता की प्रतिभा है पेड़,
प्राकृति की रूपलावण्य है पेड़,
पेड़ों के बदौलत ही,
वर्धन मानुष की प्रसन्नता है,
प्रमोद भरी हयात थामना है ,
तो वन संरक्षण करना होगा।
पेड़ों के बगैर ना कोई भी प्राणी,
अंध पाएगा वसुधा पर,
अमाया सेवा करती है पेड़,
धरती की हरीतिमा है पेड़,
धरती की हरीतिमा बचाना है
तो वन संरक्षण करना होगा।
पेड़ों को मत काटो तुम,
इससे उखाड़ना प्राकृति का संतुलन है ,
प्रकृति का संतुलन बनाए रखना है ,
तो वन संरक्षण करना होगा।
नाम :- उत्सव कुमार आर्या
जवाहर नवोदय विद्यालय बेगूसराय, बिहार