वन्दे मातरम् ( घनाक्षरी छंद)
वन्दे मातरम्
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1
लड़की ने लड़के से मुस्काते हुए कहा,
प्यारी प्यारी चाँदनी है, आओ घूम आयें हम।
मौसम सुहावना बड़ा ही मनभावना है,
सरिता के तीर चाँद तारों से बतायें हम।
लड़का ये बोला मेरा,मन भी बता रहा है,
मौसम का एकसाथ, लाभ ही उठायें हम।
आओ मेरे पास और पास और पास दोनों,
एक साथ वन्देमातरम् गीत गायें हम।
2
लड़की ये बोली घूमने की यदि इच्छा है,
घूमो चाहे जितना भी प्यार से घुमाउँगी।
घर परिवार फिल्म और राजनीति वाली,
चाहे जैसी बातें करो, खुलके बताउँगी।
पास आने को कहा तो, लो ये पास आ गई मैं,
और चाहोगे तो और और पास आउँगी।
पास आके जो कुछ कहोगे वो करूँगी पर,
तेरे साथ वन्देमातरम नहीं गाउँगी।
3
सारे सुख साधन समाये देश प्रेम में ही,
मेरी सत्य बात आजमाकर तो देख तू ।
पुलकित हो रोम रोम स्वर्ग की हो अनुभूति,
दीप देश प्रेम का जलाकर तो देख तू ।
कितना आनंद राष्ट्र प्रेम करने से मिले,
झिझक व शर्म को हटाकर तो देख तू ।
जीवन सफल होगा एकबार मेरे साथ,
वन्दे मातरम् गीत गाकर तो देख तू।
4
कहना तो ठीक पर खूब सोच लेना होगा,
ऐसा कोई कदम उठाते हुए हमको।
मन चाहता अभी देश भक्ति की गंगा में,
एकसाथ डुबकी लगाते हुए हमको ।
जीवन मरण का सवाल बन सकता है,
एकता का ध्वज फहराते हुए हमको।
क्या होगा किसी ने यदि चुपके से देख लिया,
वन्दे मातरम् गीत गाते हुए हमको।
5
याद करो अँग्रेजी शासन के जुल्मों की,
वन्दे मातरम् गाने वाले जेल पा गये ।
बेंतों की सजा सुनाई वीर चँद्र शेखर को,
खुदीराम बोस फाँसी झूल इसे गा गये।
तुम शोला साल की तो मैं भी बीस साल का हूँ,
देश भक्ति के शरीरों में कसाव छा गये ।
गौरव की बात है कि वन्दे मातरम गीत,
एकसाथ गाने के हमारे दिन आ गये ।
6
गौरव की बात और साहस का काम है तो,
देश भक्ति की मिशाल बनके बतायेंगे।
वन्दे मातरम् गाना शहीदों का रास्ता है,
बढ़े जो कदम फिर पीछे न हटाएँगे।
आपस की एकता को मजबूत करते हुए,
भारत को उन्नति के पथ पे ले जाएँगे ।
जिस दिन मम्मी डैडी घर पे नहीं रहेंगे,
एकसाथ वन्दे मातरम् गीत गायेंगे ।
7
देश भक्ति माता पिता, जाति धर्म से बड़ी है,
देश भक्त इसी से विवाह नहीं करते।
साज बाज भीड़ भाड़ प्रदर्शन आमंत्रण,
खर्च के आडंबरों की चाह नहीं करते।
वन्दे मातरम् को समर्पित हो गये तो,
ध्येय निष्ठ भावना का दाह नहीं करते।
वन्दे मातरम् गाने वाले गाके रहते हैं,
गाते हुए प्राणों की परवाह नहीं करते।
8
अँग्रेजी शासकों ने सब कुछ छीन लिया,
शहीदों ने ओढ़ा व बिछाया वन्दे मातरम्।
चमड़ी शरीर से उधड़ गई कोड़े खाये,
रुके नहीं फिर भी अपनाया वन्दे मातरम।
चीखते चिल्लाते घायलों के घाव घाव पर,
मरहम के लेप सा लगाया वन्दे मातरम।
पिछले संडे जो मौंका देशभक्ति का मिला तो,
हमने भी तीन बार गाया वन्दे मातरम।
9
बंकिम की लेखनी का यही सार तत्व खास,
मातृभूमि प्रेम की ये धारा वन्दे मातरम।
हिंदू मुस्लिम सिख ईशाई सभी के लिए,
राष्ट्र भक्ति देने का सहारा वन्दे मातरम।
हृदय की प्रीत यही,एक राष्ट्र गीत यही,
नीतवाली जीत का ये नारा वन्दे मातरम।
अपने दिलों को एकसूत्र में पिरोने वाला,
जाति धर्म जान से भी प्यारा वन्दे मातरम।
10
वन्दे मातरम् की कहानी कुर्बानी भूले,
भूल गए सारे बलिदान वन्दे मातरम।
वन्दे मातरम् ने जो सत्ता में बिठला दिया,
चला रहे जैसे कि,दुकान वन्दे मातरम्।
वन्दे मातरम् को न वैसा मान दिला सके,
जैसा चाहता था पूरा मान वन्दे मातरम्।
वन्दे मातरम् है धिक्कार हमें हम तुझे,
बना नहीं पाये राष्टगान वन्दे मातरम्।
गुरू सक्सेना
नरसिंहपुर मध्यप्रदेश
28/11/23