वतन
ये वो मेरा देश जहाँ बहती है गंगा यमुना,
ये वो मेरा देश जहाँ बहे स्नेह समर्पण का झरणा ।
इस देश की मिट्टी पावन है, जहाँ माँ की बातो में सावन है।।
जहाँ धर्म खिलखिलाता रहता है, मन में तिरंगा रहता है,
जहाँ झाँसी रानी का शौर्य बसा, राणा प्रताप का पौरष है।
वीर शिवा की तलवार जहाँ,रानी पद्मिनी का जौहर है ,
जहाँ भगत सिंहः, आजाद हुए, संस्कृति ने जहाँ के पाँव छुए, जहाँ वेदो का उत्थान हुआ, लौह पुरुष जहाँ के गौहर है ।।
ये वो मेरा देश——-
जहाँ सिंहो से खेले बच्चे,मन पाक पवित्र और है सच्चे,
परम्पराएं जान से प्यारी है, इस देश की छवि बडी ही न्यारी है ।
जहाँ गांधी बापू कहलाते है, नेहरु को हम चाचा कह जाते है,
जहाँ पानी पर पत्थर तैरे, अभिमन्यु ने तोड़े चक्रव्यूह के घेरे।
जहाँ रण में सैनिक यमराज बने, इश्वर भी माँ यशोदा की संतान बने।।
जहाँ धोरौ की धरती भी है ,जल सीमाओं का प्रहरी है,
हीमाद्री सीना तान खड़ा, देश के लिये है मन में स्वाभिमान बडा।।
जहाँ तिलक स्वतंत्रता के अनुयायी है, बोस बहुत ही प्रलयंकारी है ।
जहाँ उधम सिंह सरफरोश जिए,जहाँ तिलक और महावीर हुए,
यहाँ अब्दुल कलाम जैसी हस्ती है, यह हिन्दू मुस्लिम की बस्ती है ।
जहाँ अस्फ़ाक उल्ला खां हुए , जिस की रग रग में मस्ती है, जिस की रग रग में मस्ती है ।।
ये वो मेरा देश——