वतन प्रेम…
देनी पड़े कुर्बानी गर
मेरे देश की आनमें
तैयार है हम… तैयार है !
वतन मेरा आज़ाद रहे
सलामत सारा कारवां रहे
शानसे जीये सभी
हौसले बुलंद बने…!!
वक्त के उपवन में
देश मेरा हरियाला रहे !
ऊँचे अंबर में आज़ाद उड़ते परिंदे सदा
कोई सरहद न छुएं उसे…
ऐसे… ही…देश मेरा हरतरफ प्रगति करे…!!
देनी पड़े कुर्बानी गर…. देश के ख़ातिर…
तैयार है….तैयार है…