वजूद की तलाश
देखो रे सांवरिया
मैं बन जाऊं हम रे सांवरिया।
बेशर्त प्रेम बना देना
अपने में समा लेना
तेरा आभार, आगार रे सांवरिया
तेरा अप्रीतम ( बेजोड़)प्रेम रे सांवरिया।
अहिल्या बन कर भी, लुट गई, मुनि पत्नी बन कर कोई काम ना आया रे सांवरिया।
मुनि ने अहंकार बस त्यागा ,मेरी गलती बोल रे साँवरिया।
कामुकता के अवतार इंद्र ने छला।
कोई पूरक, ज्ञान, काम ना आया।
तेरा अप्रतिम अवतार करते हैं उद्धार रे।
द्रोपदी बन मैं 5 पति पाई।
क्या उन्होंने मेरी लाज बचाई।
तुझ संग प्रीत ने मुझे सखी सखा भाव देकर।
बेशर्त प्रेम दिखाएं।
अहोभाग्य रे सांवरिया।
तेरे कण-कण का अप्रतिम बेशर्त प्रेम रे सांवरिया।
मेरा वजूद तेरी तालश रे साँवरिया।
मेरे प्रयास में तेरे प्रेम प्यास रे साँवारिया ।
कृपा घटा की करना बरसात रे सांवरिया।