वजीर
हाशिम विधयक के लिए चुनांव लड़ा चुनाव का सारा खर्च एव प्रचार का जिम्मा क्षेत्र के लोकप्रिय विधयक ने उठाई हाशिम बहुत बड़े मतों के अंतर से जीत गया और प्रदेश की राजनीतिक हैसियतों के अमले में शरीक हो गया ।
एक साल तक वह राजधानी कि राजनीतिक बारीकियों को और बखूबी से समझने में गुजार दिया हालांकि वह आधुनिक राजनीतिक का पुरोधा स्वंय था #घाट घाट का पानी #
वह बचपन से ही पीता आ रहा था जिसके कारण उसके मन से शील संकोच लज्जा मानवता और मर्यदा नाम के सिद्धातों ने दम तोड़ दिया था।
एक साल में विधयक बनने के बाद उसने जनकल्याण पार्टी प्रमुखों एव सभी श्रोतों की कलई एव कच्चा चिट्ठा एकत्र कर लिया और स्वंय भी वह डिमांड एव सप्लाई की कला कि अवसर एव उपलब्धि की राजनीतिक कला परम्परा का घुटा उस्ताद था उसकी राजनीति सबसे अलग मुखर नही बल्कि अन्तरस्पन्दित
करती थी।
जब राजनीतिज्ञों के सारे हथियार खाली हो जाते थे तब हाशिम अपनी साधारण सी चाल से सारे मोहरों को मात देता अलग हैसियत बना लेता जनकल्याण पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष को उसने अपने साथ पूर्णतया अपने विचारों एव क्रियाकलापों में सम्मिलित कर लिया था मुसलमान था ही अतः मुस्लिम मतदाओं के लिए उनके समाज का महत्वपूर्ण नेता राष्ट्रीय स्तर पर उभरने लगा ।
उंसे भली भांति मालूम था कि भारत मे मुसलमान मतदाता बहुत सी सीटो पर चाहे लोकसभा हो या विधानसभा में किसी को माहौल बना कर विरोध मत देकर पराजित करने में तो सक्षम है किंतु बहुत कम सीटे ऐसी है जहां उनका तन्हा मत सीटो को विजयी बना सके ।
अतः भारतीय समाज के बारीक समीकरणों का अध्ययन करने के बाद उसने हिन्दू समाज के उपेक्षित दलित आदिवासी एव मुस्लिम राजनीतिक समीकरण का अन्वेषण कर रहा था ब्राह्मण एव राजपूतों से उसने बराबर की दूरी बना रखी थी।
कुंछ पिछड़ी जातियों को साधने की कोशिश करता जा रहा था कही उसका दांव सटीक बौठता कही फ्लॉप हो जाता वह फूल प्रूफ राजनयिक समीकरण की तलाश की खोज में जुटा था।
जनकल्याण पार्टी के अध्यक्ष से उसने कहा अध्यक्ष जी मुझे मंत्री पद दिला दीजिये ताकि पार्टी के लिए मैं बेहतर विजयी सांमजिक मतों का समीकरण बना संकु अध्यक्ष मर्मज्ञ सिंह ने कहा ठिक है कल मैं मुख्य मंत्री जी से बात करता हूँ दूसरे दिन प्रदेश की राजधानी में अध्यक्ष जी का कार्यक्रम था।
कार्यक्रम से फारिग होने के बाद पार्टी अध्यक्ष मर्मज्ञ सिंह मुख्य मंत्री महोदय एव हाशिम कुछ विधायक एव पार्टी कार्यकर्ता उपस्थित थे सबसे पहले अध्यक्ष जी ने कार्यकर्ताओं का आवाहन किया कि जो भी उनका अनुभव सरकार एव पार्टी के लिए जनता के बीच रहकर है वह बताये एक महोदय जो पार्टी कार्यकर्ता थे कंधे पर गांधी छाप झोला सर पर गांधी टोपी खड़े हुए बोले अध्यक्ष जी सरकार एव पार्टी द्वारा कार्यकर्ताओं कि घोर उपेक्षा हो रही है जिंदगी पार्टी की सेवा में खपा कर पार्टी को खड़ा करने वाले कायकर्ताओ की उपेक्षा करते हुए अन्य दलों से आये अवसर वादियों दलबदलुओं एव बाहुबलियों तथा धन पशुओं को चुनावी मैदान में उतार दिया जाता है और कार्यकर्ता पार्टी का कार्यक्रम कर्ता बनकर रह जाता है वह पार्टी का पोस्टर लगाने से पार्टी में आता है अंत मे पार्टी पोस्टर एव कार्यालय का चक्कर काटते हुए नवांकुर नेताओ के सामने जी हुजूरी करता नजर आता है जो दलदल के दल बदल भ्रष्ट्राचार भय बाहुबल धन बल भाई भतीजबाद आदि के राजनीतिक सुचिता के सिंद्धान्तों के अंतर्गत स्वीकार्य होते है ।
सरकार में मंत्री पार्टी कार्यकर्ताओं पर यह आरोप लगाते है कि पैसा लेकर अपने क्षेत्र की जनता का कार्य कराने आते है जिसका अधिकतर हिस्सा स्वंय खा जाते है और बहुत कम हिस्सा मंत्री या पार्टी फंड हेतु देते है सही है क्योंकि पूरी जिंदगी पार्टी के लिए खपाने के बाद ना कोई नौकरी ना कोई व्यवसाय राजनीति ही ऐसे कार्यकर्ताओं के परिवार एव भविष्य का आधार रह जाता है जिसके कारण जब कभी पार्टी की सरकार होती हैं आम कार्यकता जिसके मेहनत जीवन समर्पण को दर किनार कर टिकट एव सत्ता का बटवारा सुविधनुसार समयानुसार किया जाता है तो उनके द्वारा भी अवसर का लाभ उठाना लाजिमी है ।
अध्यक्ष जी बोलते भी क्या सच्चाई भी यही थी उनको भलीभाँति मालूम था कि भारत मे भय भ्रष्टाचार मुक्त एव स्वच्छ राजनीति का नारा देकर आते है और पिछली सरकारों से भी बदतर होते है सिर्फ तरीका बदला होता है।
सभा समाप्त हुई अब हाशिम् जनकल्याण पार्टी के अध्यक्ष सर्वज्ञ जी एव मुख्य मंत्री जी मौजूद थे अध्यक्ष जी ने मुख्यमंत्री जी से हासिम को मंत्री
मंत्री पद देने की सिफारिश किया मुख्य मंत्री जी ने अपनी खास डिजिटल डायरी में हाशिम का नाम नोट किया और अगले ही मंत्रिमंडल विस्तार में हासिम मियां लोक निर्माण मंत्री बनाये गए ।
उनके मंत्री पद की शपथ लेते ही उनके चुनांव क्षेत्र की जनता के बीच मिठाईया बंटी शपथ लेने के बाद हाशिम सबसे पहले अपने चुनांव क्षेत्र में दौरे का कार्यक्रम निर्धारित किया ।
जगह जगह तोरण द्वार स्वागत में सभाएं जैसे मंत्री नही भगवान आ रहे हो ग्राम प्रधान भारत भी स्वागत के लिए खड़े थे हाशिम स्वंय उनके पास गया बोला कस प्रधान तू हमे कलक्टर इंजीनियर डाक्टर बने से रोके खातिर शाम दाम दण्ड भेद सब आजमाए और समझे हम तो खतम देखो हम कलक्टर ,डॉक्टर इंजीनियर नही बने लेकिन हमरे खिदमत में शबे खड़ा है हम त मैट्रिक पास हई पंचर जोड़े वाले ,पाकेट मार ,स्मगलर ,हत्या लूट डकैती के आरोपी मंत्री है और पढा लिखा कलक्टर डॉक्टर इंजीनियर उनके मोहताज आपकी वजह से मैं यहां हूँ आपका स्वागत मैं करूँगा और बहुत जोर से अपने पी आए ओ से बोले मखीजा साहब प्रधान जी के लिए सबसे कीमती माला भेंट किया जाय मखीजा माला लेकर दौड़े दौड़े आये हाशिम ने उसे प्रधान भारत को पहनाया बोला मुबारख हो प्रधान जी।
नन्दलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर गोरखपुर उतर प्रदेश।।