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19 Oct 2024 · 1 min read

वजह बन

वजह बन

चैन सुकून हो जहाॅं वो जगह बन,
किसी के मुस्कुराने की वजह बन।

हर कोई है यार यहाॅं पर गमज़दा,
अंधेरी रात चीर सुनहरी सुबह बन।

फ़र्ज़ से भागना फितरत लोगों का,
भार सहन कर सके वो सतह बन।

कटे-कटे रहने लगे लोग आजकल,
जोड़े रखें आपस में वो गिरह बन।

नफ़रतों का ये दौर बंद होना चाहिए,
कपट पाट के चल अब सुलह बन।

भेद, मतभेद का दिलों से हो खात्मा,
समता जिसमें समाये वो निगह बन।

नाउम्मीदी का घेराव है चहुॅंओर मित्र,
हारे हुए हृदय के लिए फतह बन।

Language: Hindi
1 Like · 83 Views

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