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15 Jul 2020 · 1 min read

वजह ढूंढ़ती हूं

मैं तेरे हर एक लब्ज में मुस्कुराने की वजह ढूंढ़ती हूं
मैं ये न जाने क्यूं और किस वजह से ढूंढ़ती हूं ।

तू इक बार छलक कर ईसारों में ईसारा तो कर
मै तेरे शब्द के बहते दरिया में ईसारा ढूंढ़ती हूं।

रात मुस्लसल महक जाय तेरे मुस्कुराने से
चांद के अक्स में मैं तेरा मुस्कुराना ढूंढती हूं ।
~ सिद्धार्थ

Language: Hindi
4 Likes · 1 Comment · 276 Views
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