वक्त
एक इन्सान वक्त से क्या कहता है,गौर फरमाईए मेरे प्यारे मित्रों।इस कविता पर,,,,,,, ऐ वक्त जरा अदब से पेश आ,ऐ वक्त जरा अदब से पेश आ। क्योंकी वक्त नही लगता वक्त बदलने में।। अपना भी वक्त आयेगा,अपना भी वक्त आयेगा। इस दुनियाॅ के फसाने में,बस थोड़ा सा वक्त है,वक्त बदलने में।।इरफान खान (बी एड)द्वारा स्वरचित कविता।