वक्त
वक्त
वक्त बर्बाद करना ही, जिंदगी बर्बाद करना है
लिया है जन्म आज तो, फिर एक रोज़ मरना है
मेहनतीऔर कर्मठ का सखा यह वक्त होता है
मगर जो आलसी है, वो नीलम हर वक्त रोता है.
नहीं दूजा गुरु, दानी,बलवान वक्त से कोई
वक्त देता जिसे पीड़ा, जानता है उसे वोही
नीलम शर्मा