वक्त से वक्त को चुराने चले हैं
वक्त से वक्त को चुराने चले हैं
हम अपनी मेहनत के सहारे
मंजिल पाने को चले हैं
रूठेगा हमसे कोई कैसे
हम भी मुस्कुराहटों के सौदागर बने हैं।
हरमिंदर कौर अमरोहा
वक्त से वक्त को चुराने चले हैं
हम अपनी मेहनत के सहारे
मंजिल पाने को चले हैं
रूठेगा हमसे कोई कैसे
हम भी मुस्कुराहटों के सौदागर बने हैं।
हरमिंदर कौर अमरोहा