तुम रख न सकोगे मेरा तोहफा संभाल कर।
साधना की मन सुहानी भोर से
नज़रों में तेरी झाँकूँ तो, नज़ारे बाहें फैला कर बुलाते हैं।
चाय (Tea)
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
*जब से हुआ चिकनगुनिया है, नर्क समझ लो आया (हिंदी गजल)*
*सवर्ण (उच्च जाति)और शुद्र नीच (जाति)*
कुछ तुम कहो जी, कुछ हम कहेंगे
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
ख्वाब देखा है हसीन__ मरने न देंगे।
क्या सितारों को तका है - ग़ज़ल - संदीप ठाकुर
23/156.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
ऐसा तूफान उत्पन्न हुआ कि लो मैं फँस गई,
जिंदगी में सफ़ल होने से ज्यादा महत्वपूर्ण है कि जिंदगी टेढ़े
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
💐प्रेम कौतुक-97💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
सफर वो जिसमें कोई हमसफ़र हो